चतरा का इतिहास| History of chatra |चतरा जिले का पर्यटन स्थल

चतरा का इतिहास | History of chatra |चतरा जिले का पर्यटन स्थल

चतरा जिला का बहुत ही शानदार ऐतिहासिक विरासत है हम इस जिले के निवासी हैं इस पर गर्व है। chatra जिला हालांकि यह क्षेत्रफल में छोटा है परंतु इसका एक बहुत ही शानदार ऐतिहासिक विरासत है। या झारखंड के प्रवेश द्वार छोटा नागपुर में स्थित है । इसके चारों और हरियाली से भरा हुआ है यानी जंगलों से घिरा हुआ है ।

चतरा का इतिहास | History of chatra

 चतरा का इतिहास| History of chatra |चतरा जिले का पर्यटन स्थल चतरा का इतिहास | History of chatra |चतरा जिले का पर्यटन स्थल
चतरा का इतिहास| History of chatra |चतरा जिले का पर्यटन स्थल

अगर आप History of chatra इतिहास की बात करें तो प्राचीन काल में अशोक के शासनकाल के दौरान यह मगध साम्राज्य में स्थापित हुआ। इतिहास में यह भी कहा गया है कि जब समुद्रगुप्त ने छोटानागपुर से चलते हुए महानद की घाटी में दक्षिण कौशल के राज्य के विरुद्ध पहला हमला किया था।

यहां पर भी कई शासकों का वर्चस्व रहा है जैसे औरंगजेब एवं और अन्य कई शासक शामिल है। 17 वी सदी में जब राजा रामदास को कुंदे का किला मिला तो उसका जीर्णोद्धार कर वह यहां के शासक बने । इस किले की सुंदरता बहुत ही आकर्षक थी क्योंकि यह चारों ओर से जंगलों और पहाड़ों के कारण सुरक्षित माना जाता था । जिस पर अलीवर्गी खान का नजर पड़ गया था, और वह 1734 ईस्वी में कुंदा की ओर कुच कर गए , अलीवर्गी खान गया टिकारी के विद्रोही जमींदारों को हराने के बाद वह चतरा जिले में स्थित कुंदा किले के राजा रामदास को पराजित कर किले को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। परंतु आज भी वह किले का अधिकाधिक भाग देखने को मिल जाता है यह पर्यटकों के लिए पर्यटन क्षेत्र भी माना जाता है।

चतरा के आधुनिक काल का इतिहास

चतरा की आधुनिक काल की बात करें तो चतरा ब्रिटिश शासन के संपर्क में 1769 ईस्वी में आया। इस जिले में भारत के प्रमुख समाज सुधारक राजा राममोहन राय का कार्यस्थल भी रहा है। जब बिहार से राष्ट्रीय आंदोलन हुआ तो उस पर चतरा जिले का विशेष स्थान माना गया है। 18 सो 57 के विद्रोह में चतरा जिला क्रांतिकारियों ने एक महत्वपूर्ण लड़ाई में अपना योगदान दिया था. यह लड़ाई 2 अक्टूबर अट्ठारह सौ सत्तावन को फांसी तलाव यानी हरि जीवन तलाव के पास लड़ी गई थी और 56 यूरोपी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया था जिसमें हमारे 150 क्रांतिकारियों शहीद हो गए। यहां के सूबेदार जय मंगल पांडे और नादिर अली को 4 अक्टूबर 1857 को सजा-ए-मौत दी गई। इन सब इतिहासओं का वर्णन आज भी फांसी तलाव के सिलावट में लिखा हुआ स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है।

चतरा जिले की स्थापना कब हुई थी ?

चतरा जिला भारत के झारखंड प्रदेश में स्थित है. यह जिला हजारीबाग कोडरमा पलामू लोहरदगा और रांची इसके साथ-साथ बिहार राज्य के सिमानों से सटा हुआ है। यह जिला जंगलों से घिरा हुआ होने के कारण यहां की हरियाली अच्छी खासी देखी जा सकती है. चतरा जिले में खनिज के साथ-साथ कोयला की प्रचुर मात्रा उपलब्ध है । झारखंड प्रांत के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला चतरा जिले की स्थापना सन 29 मई 1991 को हुई थी । इस जिले को हजारीबाग जिले से विभाजित करके बनाया गया था।

चतरा जिले का पर्यटन स्थल

चतरा जिले मैं बहुत सारे पर्यटन स्थल भी हैं. जो अपने सौंदर्य और बनावट के कारण पर्यटकों का मन आकर्षित करते हैं इनमें से मुख्य पर्यटन स्थानों ने नाम इस प्रकार है ।

▪️ इटखोरी में स्थित मां भद्रकाली मंदिर
▪️ मां कौलेश्वरी पर्वत
▪️ सुमेर सुमेर जलप्रपात
▪️ कुन्दा की गुफा व किला
▪️ बरियो जलप्रपात
▪️ तमासिन जलप्रपात
▪️ मालूदाह जलप्रपात
▪️ गोवा जलप्रपात
▪️ दुआरी जलप्रपात
▪️ खैवा बंदारू जलप्रपात
▪️ केरीदाह जलप्रपात ▪️चुंदरु धाम टंडवा

चतरा जिले में बोली जाने वाली भाषाएं

Chatra जिले में बोली जाने वाली भाषाओं में मगही नागपुरी खोरठा को मिश्रित कर बोला जाता है। यहां के लोग हिंदी उर्दू इंग्लिश भी कुछ कुछ समझते हैं। ईस जिले में अनुसूचित जनजाति के लोग सादरी या जनजातीय भाषा का प्रयोग करते हैं परंतु चतरा जिले के सभी लोग आमतौर पर हिंदी भाषा का प्रयोग मिलाजुला कर करते हैं। आज के आधुनिक समय में चतरा के लोग इंग्लिश शब्द का भी प्रयोग करने लगे हैं।

चतरा जिला में स्थित नदियों के नाम

चतरा जिला पूरी प्राकृतिक चीजों से घीरा पड़ा है, उनमें से कुछ नदियां भी इस जिले का सौंदर्य बढ़ाने का काम करती हैं इसमें मुख्य रूप से

▪️दामोदर नदी
▪️बराकर नदी
▪️हेरूवा नदी
▪️महाने नदी
▪️निरंजने नदी
▪️बलबल नदी
▪️बक्सा नदी

शामिल हैं जो चतरा की हरियाली को बरकरार रखने में सहयोग प्रदान करती है।

चतरा जिले से संबंधित अन्य जानकारियां

चतरा जिले का क्षेत्रफल 3706 वर्ग किलोमीटर है। जिसमें वन का क्षेत्रफल लगभग 47% है ,यहां की आबादी की बात करे तो लगभग 10,43000 के आसपास है । यहां पुलिस स्टेशनों की संख्या 15 है ।

तो दोस्तों मैंने संक्षिप्त में आपको अपने जिले चतरा के बारे में जानकारी देने का छोटा सा प्रयत्न किया है ।अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने व्हाट्सएप फेसबुक एवं अन्य माध्यमों से इसे साझा कर सकते हैं । इससे हमें लिखने का मनोबल बढ़ता है और हम आपके लिए कुछ नया नया लिखने का प्रयास करते हैं।

सुधीर कुमार,चतरा झारखंड

सुधीर इस हिंदी ब्लॉग के Founder हैं. वो एक Professional Blogger हैं जो इतिहास Technology, Internet ,समाचार से जुड़ी विषय में रुचि रखते है. सुधीर वेबसाइट होस्टिंग भी प्रदान करते है. वो पेसे से पत्रकार भी है, उन्हें किसी भी विषय पर रिसर्च करना अच्छा लगता है.

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