प्रियवर खोए हो कहां – हिंदी गीत,Hindi geet

प्रियवर खोए हो कहां – हिंदी गीत,Hindi geet

प्रियवर खोए हो कहां - हिंदी कविता, Hindi kavita
प्रियवर खोए हो कहां – हिंदी कविता

प्रियवर खोए हो कहां

चाँद सितारों वाली रात
मेरे तरुवर पारिजात
प्रेमामृत से हृदय भरा
सूना बांहों का आकाश

ठगती स्मृतिअवलियां
प्रियवर खोए हो कहां
प्रियवर खोए हो कहां . . .

बगिया में फूलों कलियों बीच
विधना बैठी अंखियां मीच
भूलचूक अपावन की
मची है भारी कीच

कांटों संग उलझी तितलियां
प्रियवर खोए हो कहां
प्रियवर खोए हो कहां . . .

न हमको रूठन का अधिकार
नयनन ठिठकी अश्रुधार
तेरे हैं हम तेरे हैं
इक तू ही प्राणाधार

सखी हुईं सांसें सिसकियां
प्रियवर खोए हो कहां
प्रियवर खोए हो कहां . . .

समय के अविरल होते घात
गौराया श्याम सलोना गात
सपने सपने रह चले
मेरी छली गई परभात

क्षुधित तृषित हैं तनगलियां
प्रियवर खोए हो कहां
प्रियवर खोए हो कहां . . .

पहले पहर का धौला रंग
बंसी चुप अवाक् मृदंग
सावन भादों बीत चले
धुआं धुआं जगती का ढंग

पिछले पहर जली तलियां
प्रियवर खोए हो कहां
प्रियवर खोए हो कहां . . .

मनमंदिर के दीप अमोल
धुपियारी दुपहरिया मीठे बोल
भेजी है पाती पवन हाथ
प्रियतम नाव रही है डोल

मुंदती बुझती अंखियां
प्रियवर खोए हो कहां
प्रियवर खोए हो कहां . . . !

एक सिनेगीतकार ने कहा था कि उर्दू की सहायता के बिना हिंदी फिल्मों के गीत लिखे ही नहीं जा सकते।

तब कवि गोपालदास नीरज जी ने कुछ फिल्मों में उर्दू की सहायता के बिना गीत लिखकर उस कुंठित अवधारणा को तोड़ा था।

यहां हम कुछ ऐसे ही गीत प्रस्तुत करेंगे जिनमें आपको हिंदी और केवल हिंदी ही मिलेगी।

हमारा विश्वास है कि आपकी टिप्पणी हमारा उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन करेगी।

धन्यवाद !

इस कविता को पढ़े मणियां हिंदी कविता

सुधीर इस हिंदी ब्लॉग के Founder हैं. वो एक Professional Blogger हैं जो इतिहास Technology, Internet ,समाचार से जुड़ी विषय में रुचि रखते है. सुधीर वेबसाइट होस्टिंग भी प्रदान करते है. वो पेसे से पत्रकार भी है, उन्हें किसी भी विषय पर रिसर्च करना अच्छा लगता है.

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