Top 7 Mysterious places in India, भारत के सात रहस्यमय स्थान जिसे आप को जानना चाहिए

हिन्दटैग.com में आपका स्वागत है, आज हम आपके लिए लाए हैं दोस्तों Top 7 Mysterious places in India – भारत के सात रहस्यमय स्थान  जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे. (अजंता एलोरा की गुफाएं, कमरूनाग झील, वृंदावन का रंग महल, रूपकुंड झील, कोंगका दर्रा ,चुंबकीय पहाड़ी,जुड़वा बच्चों का गांव) आज आपको ये Mysterious places in India जननां ही चाहिए . चलिए जानते है Mysterious places in India के बारे में.

सोने की चिड़िया कहे जाने वाली भारत को एक रहस्यमई और तंत्र मंत्र वाला देश भी माना जाता है. हिंदू कुश पर्वत माला से लेकर अरुणाचल तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश में कई रहस्य छुपे हुए,  हालांकि  समय के साथ-साथ भारत विज्ञान और तकनीकी में भी विकसित होता चला गया लेकिन भारत में आज भी कई ऐसी जगह जो अपने दामन में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं. जिनके बारे में शायद आप भी नहीं जानते होंगे . भारत के 7 रहस्यमई स्थानों Mysterious places in India के बारे में आप सभी को बताने वाले है.

अजंता एलोरा की गुफाएं 

अजंता एलोरा की गुफाएं

अजंता एलोरा की गुफाएं (Ajanta Ellora Caves) : गुफा तो भारत में बहुत है लेकिन अजंता एलोरा की गुफाओं के बारे में वैज्ञानिक कहते हैं कि यह गुफाएं किसी एलियंस के समूह ने बनाई है. यहां पर एक विशालकाय कैलाश मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण का अनुमान लगभग 4000 वर्ष पूर्व  बताया जाता है. 4000000 टन की चट्टानों से बनाई गई इस मंदिर को किस तकनीक से बनाया गया होगा यह आज भी रहस्य बना है. 4000 वर्ष पूर्व तो क्या आज की आधुनिक इंजीनियरिंग के जरिए भी ऐसी गुफा का निर्माण नहीं किया जा सकता माना जाता है कि एलोरा की गुफाओं के अंदर नीचे एक सीक्रेट शहर बसा हुआ है.

कमरूनाग झील

कमरूनाग झील
कमरूनाग झील

कमरूनाग झील (Kamrunag Lake): हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों के बीच एक ऐसी झील मौजूद है जहां लाखों-करोड़ों नहीं बल्कि इससे कहीं अधिक मूल्य का खजाना मौजूद है.  झील में हर साल खजाना बढ़ता चला जाता है जिसमें लाखों रुपए ऊपर से देखे जा सकते हैं यह झील मंडी जिले से करीब 60 किलोमीटर दूरी पर है, जिसे कमरूनाग झील के नाम से जाना जाता है.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भक्त झील में सोने चांदी के गहने और पैसे डालते हैं. 

यह सदियों से चली आ रही परंपरा के आधार पर माना जाता है कि झील के गर्त में अरबों का खजाना दबा हुआ है. गर्मी के मौसम में तो सोना चांदी के जेवर साफ नजर आते हैं. मान्यता है कि इस झील में सोना चांदी चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है. इसी कारण लोग श्रद्धा से यहां अपने शरीर का कोई गहना चढ़ा देते हैं. सोना चांदी कभी भी झील से निकाला नहीं जाता क्योंकि लोग इसे ईश्वर के खजाने के रूप में देखते हैं.इस खजाने को कोई भी चुरा नहीं सकता क्योंकि माना जाता है कि कमरूनाग खामोश प्रहरी इसकी रक्षा करते हैं.

वृंदावन का रंग महल

वृंदावन का रंग महल
वृंदावन का रंग महल

वृंदावन का रंग महल (Rang Mahal of Vrindavan) :  उत्तर प्रदेश की वृंदावन में स्थित यह मंदिर आज भी अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. माना जाता है कि यहां आज भी हर रात कृष्ण गोपियों संग रास रचाते हैं, यही कारण है कि सुबह खुलने वाले निधिवन को शाम की आरती के बाद बंद कर दिया जाता है. उसके बाद वहां पर आना जाना मना है यहां तक कि दिन में रहने वाले पशु पक्षी भी शाम होते-होते निधिवन को छोड़ कर चले जाते हैं.

यदि कोई छुपकर रासलीला देखने की कोशिश करता है तो वह पागल हो जाता है. निधिवन के अंदर ही रंग महल मौजूद है मान्यता है कि रोज रात रासलीला के बाद राधा कृष्ण यही पर विश्राम करते हैं. रंग महल में रखें चंदन के पलंग और राधा और कन्हैया के लिए शाम को 7:00 बजे से पहले सजा दिया जाता है. पलंग के बगल में एक लोटा पानी राधा जी के सिंगार का सामान,दातुन और पान रख दिया जाता है इसके बाद रंग महल के दरवाजे पर  7 ताले जड़ दिए जाते हैं. सुबह 5:00 बजे जब रंग महल का दरवाजा खोलते हैं तो बिस्तर अस्त-व्यस्त यूपी का पानी खाली और पान खाया हुआ मिलता है. निधिवन के पेड़ भी बड़े अजीब है  जहां हर पेड़ की शाखाएं ऊपर की ओर बढ़ती है वहीं वृंदावन के पेड़ों की शाखाएं नीचे की ओर बढ़ती है.  हालांकि आने के लिए कि रास्ता बनाने  हेतु पेड़ों को डंडों के सहारे रोका गया है.

रूपकुंड झील

रूपकुंड झील
रूपकुंड झील

रूपकुंड झील (Roopkund Lake) : कंकाल झील के नाम से मशहूर इस झील को रहस्यमई झील के रूप में जाना जाता है. रूपकुंड झील 5029 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है अगर आप यहां पर जाते हैं तो इस दिव्य झील की गहराई और चारो और बिखरे नर कंकाल मन में जिज्ञासा का ज्वार उत्पन्न कर देते हैं. इसके रहस्य का प्रमुख कारण यह नर कंकाल ही तो है , जो न केवल इसके इर्द-गिर्द दिखते हैं बल्कि तालाब में इनकी परछाइयां भी दिखाई देती है नर कंकाल को लेकर क्षेत्रवासियों में अनेक प्रकार की कृतियां प्रचलित है. इतिहासकार इन कंकालों के रहस्य का पता लगाने में जुटे हैं लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है.

इनका कंकालो को सबसे पहले साल 1942 में ब्रिटिश फॉरेस्ट गार्ड ने देखा था. शुरुआत में माना जा रहा था कि यह कंकाल जापानी सैनिकों के थे, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान रास्ते से गुजर रहे थे. लेकिन अब वैज्ञानिकों को पता चला है कि यह कंकाल 850 ईसवी में यहां श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के है.  शोध से खुलासा हुआ है कि कंकाल मुख्य रूप से दो समूह के हैं इनमें से कुछ कंकाल एक ही परिवार के सदस्यों के हैं जबकि दूसरा समूह अपेक्षाकृत कद में छोटे लोगों का है शोधकर्ताओं का कहना है कि इन लोगों की मौत किसी हथियार की चोट से नहीं बल्कि उनके सिर के पीछे आए तूफान की वजह से हुई है.

कोंगका दर्रा 

कोंगका दर्रा
कोंगका दर्रा

कोंगका दर्रा (Kongka Pass) : दुनिया की सबसे रहस्यमई इलाकों में से एक है लद्दाख का यह कोंगका दर्रा इसके बारे में कहा जाता है कि अंतरिक्ष जीवो का गुप्त स्थान है, और इसी कारण यहां पर कई बार यूएफओ  देखें जाने की बात सामने आई है. स्थानीय नागरिक भी इन बातों की पुष्टि करते हैं वहीं 2006 के जून महीने में भी गूगल की सेटेलाइट ने  कुछ ऐसी तस्वीरें ली थी जिनमें रहस्यमय यूएफओ दिखाई देने का जिक्र है लेकिन इस जगह जाना सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह बहुत ही बर्फीला और दुर्गम क्षेत्र है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह भारत चीन के विवादित जगह भी है. जहां पर दोनों नजर रखते हैं लेकिन कोई भी जाने की हिम्मत नहीं करता है.

चुंबकीय पहाड़ी

चुंबकीय पहाड़ी
चुंबकीय पहाड़ी

चुंबकीय पहाड़ी (Magnetic Hill) : लेह लद्दाख की खूबसूरती किसी से छिपी नहीं है लेकिन एक रहस्य ऐसा भी है जिसे देखने हजारों की तादाद में सैलानी पहुंचते हैं. लेकिन लेह जाते समय रास्ते में चुंबकीय ताकत वाला पहाड़ मिल सकता है यह ऐसा पहाड़ है जो धातु को अपनी ओर खींचता है, जब कारों का इग्निशन बंद कर दिया जाता है  सब भी कार इसकी ओर खिंची चली आती है यानी कि आप गाड़ी को न्यूटन में कर दें तो कार पहाड़ी से नीचे खिसकने की बजाय ऊपर चढ़ने लगती है. इसे दुनिया की ग्रेविटी हिल भी कहा जाता है. 

जुड़वा बच्चों का गांव

जुड़वा बच्चों का गांव
जुड़वा बच्चों का गांव

जुड़वा बच्चों का गांव (Village of Twins) : केरल के मल्लापुरम जिले में स्थित कोडन्ही गांव में जहां जुड़वा बच्चों का जन्म होना आम बात है,  इस इलाके में दशकों से जुड़वा बच्चे ही पैदा होते हैं गांव में, घर में , स्कूल, बाजार हर जगह हमशक्ल नजर आते हैं. कोडन्ही गांव में लगभग 2000 परिवार रहते हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस गांव में ढाई सौ जुड़वा बच्चे हैं.  वही विशेषज्ञों के अनुसार इस गांव में 350 से अधिक जुड़वा बच्चे रहते हैं. हर साल जुड़वा बच्चों की संख्या बढ़ती चली जाती है इसके पीछे के कारणों को अभी तक कोई जान नहीं पाया है यह आज भी रहस्य बना हुआ है.

जिसके चलते गांव चिकित्सकों में शोधकर्ताओं और दुनियाभर की मीडिया के लिए खबर बना है. जुड़वा लोगों में सबसे उम्र दराज 64 साल के बुजुर्ग से लेकर 6 महीने के बच्चे तक शामिल है अब तो इस इलाके में तीन बच्चों का भी एक साथ जन्म होना शुरू हो गया है. एक और विशेष बात यह है कि यदि इन जुड़वा बच्चों में से कोई एक बीमार होता है तो दूसरा भी अवश्य बीमार हो जाता है, इसलिए एक बच्चे के बीमार होने पर डॉक्टर दोनों बच्चों को दवाई देने के लिए कहते हैं.  शोधकर्ताओं को लगता है कि महिलाओं के खानपान की वजह से इस तरह का प्रचलन आम बात है मगर इस शोध के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पाए .
दोस्तों यह थी दुनिया की Top 7 mysterious places in India (अजंता एलोरा की गुफाएं, कमरूनाग झील, वृंदावन का रंग महल, रूपकुंड झील, कोंगका दर्रा ,चुंबकीय पहाड़ी,जुड़वा बच्चों का गांव) जो मैंने आपको बताने का प्रयास किया है अगर यह रसमई बातें आपको अच्छी लगी हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं ताकि यह जानकारी सभी को प्राप्त हो सके साथ ही साथ इसे सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर करें इससे हमारा मनोबल बढ़ता है और हम आपके लिए अच्छे से अच्छे विषय पर लेख लिखने का प्रयास करते हैं.

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सुधीर इस हिंदी ब्लॉग के Founder हैं. वो एक Professional Blogger हैं जो इतिहास Technology, Internet ,समाचार से जुड़ी विषय में रुचि रखते है. सुधीर वेबसाइट होस्टिंग भी प्रदान करते है. वो पेसे से पत्रकार भी है, उन्हें किसी भी विषय पर रिसर्च करना अच्छा लगता है.

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