जनसंख्या वृद्धि (population growth)या जनसंख्या विस्फोट(Population explosion) क्या है

दोस्तों आज आपके बीच एक बहुत ही चर्चित विषय और समस्या को आपके समक्ष रखने जा रहा है जनसंख्या वृद्धि जी हां आप सभी को पता है भारत की जनसंख्या की बढ़ोतरी किस तरीके से हो रही है तो आज हम जनसंख्या वृद्धि (population growth) या जनसंख्या विस्फोट (Population explosion) क्या है इसे हिंदी में समझाइए एवं पूरे विश्व की जनसंख्या क्या है भारत की जनसंख्या क्या है, जनसंख्या वृद्धि के कौन कौन से कारण है ,जनसंख्या वृद्धि से कौन-कौन सी हानियां हो सकती है, जनसंख्या वृद्धि (population growth) को हम कैसे नियंत्रित कर सकते हैं या किया जा सकता है इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे अगर आपको यह विषय अच्छा लगे तो हमें कमेंट एवं ई-मेल के माध्यम से जरूर बताएं तो आइए चलते हैं हम जनसंख्या वृद्धि के बारे में जानते हैं.

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जनसंख्या वृद्धि क्या है?

जनसंख्या विस्फोट
population-growth

कोई भी देश की तेजी से बढ़ती हुई लोगों की संख्या को ही जनसंख्या वृद्धि कहते हैं और अगर उस देश की आबादी बहुत ही तेजी से बल रही हो तो हम उसे जनसंख्या विस्फोट (Population explosion) भी कह सकते हैं. किसी भी देश की बढ़ती हुई जनसंख्या उस देश की विकास में बाधा बन सकता है मतलब हम कह सकते हैं कि अगर किसी देश की आबादी उसकी क्षमता से अधिक हो गई हो तो उस देश की आर्थिक व्यवस्था एवं विकास दर काफी नीचे हो जाता है अब आपको हम एक आंकड़ा बताना चाहते हैं कि पूरे विश्व में 1 सेकंड में 2 बच्चे पैदा होते हैं अर्थात पूरे विश्व में 1 दिन में दो लाख बच्चे पैदा हो जाते हैं। और यदि पूरे 1 वर्ष का आंकड़ा निकाला जाए तो लगभग 1 वर्ष में सात करोड़ बच्चे पैदा होते हैं आप समझ सकते हैं कि विश्व की जनसंख्या वृद्धि कितने बड़े पैमाने से हो रही है।

विश्व की जनसंख्या एक रिपोर्ट के अनुसार सन् 2050 तक विश्व की जनसंख्या 900 करोड़ तक होने का अनुमान है यह पूरे विश्व की जनसंख्या आंकड़ा अब आपको भारत की जनसंख्या के आंकड़ों को देते हैं जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद भारत का स्थान आता है ।
वर्ष 2011 में जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 121 करोड़ से अधिक थी यह आंकड़ा 2011 का है । जो अब और अधिक हो गई है

अब एक आंकड़ा के अनुसार हम आपको इसका विस्तार रूप से बताने का प्रयास करते हैं

वर्ष आबादी
वर्ष 1901 23 करोड़ 80 लाख
वर्ष 1911 25 करोड़ 20 लाख
वर्ष 1921 25 करोड़ दस लाख
वर्ष 1931 27 करोड़ 90 लाख
वर्ष 1941 31 करोड़ 90 लाख
वर्ष 1951 36 करोड़ 10 लाख
वर्ष 1961 43 करोड़ 90 लाख
वर्ष 1971 54 करोड़ 80 लाख
वर्ष 1981 68 करोड़ 40 लाख
वर्ष 1991 84 करोड़ 40 लाख
वर्ष 2001 102 करोड़ 70 लाख
वर्ष 2011 121 करोड़

आंकड़े को देखते हुए आपका सकते हैं कि भारत की आबादी कितनी तेजी से बढ़ जो एक जनसंख्या विस्फोट का रूप ले रहा है अगर इसे समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाला समय भारत के लिए विकास का बाधा बन सकता है अर्थात हमारे देश के विकास में कठिनाई उत्पन्न कर सकता है।

जनसंख्या वृद्धि( population Growth) के कारण

आइए जानते हैं की भारत में जनसंख्या वृद्धि (population growth) के कौन कौन से कारण है जिसके कारण भारत की जनसंख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है

निरक्षरता

इसका मतलब है शिक्षा की कमी । जो लोग छोटे परिवार का महत्व नहीं जानते हैं जो पढ़े लिखे लोग हैं वह लोग छोटे परिवार के क्या-क्या लाभ होते हैं नहीं जानते हैं और जिसका लाभ नहीं जानते हैं उसको क्यों अपनाएंगे इसलिए निरंतर संतान उत्पत्ति होती रहती है करते रहते हैं मतलब वह लगातार बच्चे पैदा करते रहते हैं जिससे जनसंख्या वृद्धि होती रहती है ।

बाल विवाह( कम आयु में विवाह)

ग्रामीण और अशिक्षित परिवारों में आज भी बाल विवाह का प्रथा जो है वह चल ही रहा हालांकि भारत में इस पर प्रतिबंध भी लगाया गया है इस पर कानून भी बनाया गया है इसके बावजूद भी कई ऐसे गांव या कई ऐसे अशिक्षित परिवार अभी भी अपने बच्चों की शादी कम उम्र में कर देते यह जो प्रथा है प्रायः गांव में देखा जाता है जिनके कारण कम आयु में ही यह जो दंपति है यह जो पति पत्नी बन जाते हैं इससे नासमझी कहिए या अशिक्षा फिर संतान उत्पत्ति करने लगते हैं जिससे जनसंख्या लगातार बढ़ जाता है और जो कम पढ़े लिखे लोग होते हैं वह भी अपने बच्चों की शादी कम उम्र में या नहीं 15 साल 16 साल की उम्र में या फिर उससे कम आयु में भी शादियां कर देते हैं जिससे जो शादियों की कारण हमारे देश में भी जनसंख्या बढ़ रही है कानून बनने के बाद भी लोग इसका धड़ल्ले से धज्जियां उड़ा रहे हैं सरकार कई प्रकार के योजनाएं भी लाई है परंतु अभी तक बाल विवाह की जो पता है वह पूरी तरह से भारत में बंद नहीं हो पाई है। तो आप समझ ही सकते हैं कि जब शादियां कम उम्र में होगी तो बच्चे तो जल्दी जल्दी पैदा होंगे और जनसंख्या तो बढ़ना अनिवार्य हो जाता है जैसा कि हमारे भारत देश की जलवायु बहुत ही गर्व है जिसके कारण भारत देश के युवा पीढ़ी बहुत जल्द ही जवान महसूस करने लगते हैं यह भी एक जनसंख्या वृद्धि (population growth) का एक मुख्य कारण हो सकता है।

सामाजिक रीति रिवाज

हमारे देश भारत में पुत्र का जन्म आवश्यक माना जाता है मानते हैं कि वंश का नाम पुत्र से ही चलता है पित्र ऋण भी तभी उतरता है जब पुत्र का जन्म उसके घर में हो जाए अतः हम कह सकते हैं कि लोग पुत्र की कामना को लेकर आना चाहिए संतानें पैदा करते रहते हैं और यह हम कह सकते हैं कि हमारे देश में पुत्र की कामना करने के कारण लोग बच्चे पैदा करते रहते हैं करते रहते हैं जिससे भी हमारे देश की जनसंख्या लगातार वृद्धि कर रही है।

देश की मृत्यु दर में कमी

जैसा कि आज हम आधुनिक युग में जी रहे हैं या हम कह सकते हैं कि आधुनिक चिकित्सा सुविधा के कारण हमारे देश की मृत्यु दर में काफी कमी आई है लोग भूकंप बाढ़ एवं आपदाओं में भी भारत के आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से लोगों की जान बचाई जाती है जिससे हमारे देश की मृत्यु दर में कमी आई है । अभी के समय में अनेक प्रकार की बीमारियों का इलाज आसानी से किया जाता है जिससे भी लोग बीमार पड़ने के बावजूद भी मृत्यु की सैया पर पहुंच कर भी नहीं मरते हैं इससे भी हमारे देश की मृत्यु दर में कमी आई है। और देश के अच्छे चिकित्सा के कारण नवजात बच्चे की मृत्यु दर भी कम हुई है यानी उन्हें आसानी से बचाया जा रहा है जा हम यह कह सकते हैं कि हमारी चिकित्सक काफी आधुनिक हो गए हैं जिसके कारण हमारे स्वास्थ्य केंद्रों मैं मृत्यु दर कम हो रही है। हम आपको बताते चलें कि भारतवर्ष में मृत्यु दर 1921 ईस्वी में 49.2 प्रति हजार थी जो कि 2011 के जनगणना के अनुसार अब यह घटकर 6.3 व्यक्ति प्रति हजार रह गई है इससे हम आंकड़ा लगा सकते हैं कि हमारी मृत्यु दर में कितना कम हुआ है। मतलब हम कह सकते हैं कि 1921 ईस्वी में एक हजार व्यक्ति में 49 व्यक्ति मर जाते थे जो कि अभी या घटकर 1000 व्यक्ति में 7 व्यक्ति हो गई है। और तो जन्म दर में भी मृत्यु दर की कमी हुई है जिसके कारण इसे भी जनसंख्या बढ़ोतरी का कारण माना जा सकता है।

गरीबी ( निम्न सामाजिक स्तर)

भारतवर्ष में काफी लोग या काफी परिवार गरीबी रेखा से नीचे या गरीब हैं उनका रहन-सहन एकदम निम्न स्तर जिसे हम निर्धन कह सकते हैं वह इस बात पर भरोसा रखते हैं कि उसके जितने अधिक बच्चे होंगे उनको अधिक धन कमा कर देंगे जिसके कारण भी यह लोग ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं यह भी जनसंख्या वृद्धि का एक कारण हो सकता है मेरा मानना है कि भारत के सभी गरीब लोग ऐसा नहीं करते हैं कुछ लोग जो अनपढ़ हैं और उन्हें परिवारिक समस्याओं के बारे में जानकारी है तो वह इस चीज से बचते हैं और जनसंख्या नियंत्रण करने का प्रयास करते हैं परंतु बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो अपनी संतान को धन कमाने वाली मशीन भी समझते हैं जिसके कारण भी हमारे देश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। मतलब हम कह सकते हैं कि वह लोग यह सोचते हैं कि जितने हमारे संतान होगी वह उतने अधिक धन कमाकर लाएंगे और हमारा परिवार गरीब से अमीर हो जाएगा परंतु ऐसा नहीं होता है क्योंकि जितना अधिक उनका परिवार होता है उतना ही समस्या बढ़ जाता है और गरीबी और बढ़ जाता है।

तो यह सब जनसंख्या वृद्धि के कारण थे जो आपके सामने हमने अच्छे ढंग से रखने का प्रयास किया अब आइए चलते हैं जनसंख्या वृद्धि के कौन-कौन सी हानियां हो सकती हैं?

जनसंख्या वृद्धि से हानियां

जनसंख्या वृद्धि के बहुत सारी हानियां है चुकी देश में जनसंख्या लगातार बढ़ने से बेरोजगारी दर बढ़ सकती है, और अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है । तो चलिए जानते हैं वह कौन-कौन सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।

खाद्य सामानों की समस्या

देश की जनसंख्या लगातार बढ़ने के कारण देश में खाद्य पदार्थों की कमी होने लगती है मतलब जितने अधिक जनसंख्या होंगे उतने खाद सामानों की मांग बढ़ेगी जिससे हमारे खाद्य सामग्री की कमी बढ़ेगी और महंगाई का सामना करना पड़ेगा और तो और अगर अच्छे ढंग से खाद्य सामग्री हमें नहीं मिल पाए तो हमारे शरीर में बहुत सारी कमियां होने लगती है बच्चे कुपोषित होने लगते हैं और कमजोर होने लगते हैं।

शिक्षा की समस्या

जनसंख्या में तीव्र वृद्धि के कारण विद्यालयों की कम होती जा रही है और काफी बच्चे प्रत्येक वर्ष प्रवेश से वंचित रह जाते हैं या प्रवेश नहीं पाते हैं विद्यालयों में उन्हें शिक्षा नहीं मिल पाती है इससे बच्चों का शारीरिक तथा मानसिक विकास नहीं हो पाता है ।

रोजगार की समस्या

किसी भी देश की जनसंख्या बढ़ने से रोजगार के साधन उसी गति से कम पड़ने लगती है जिसके कारण बेरोजगारी की सीमा बढ़ जाती है और अधिक से अधिक लोग बेरोजगार पड़ जाते हैं जनसंख्या तो देश की बढ़ रही है परंतु रोजगार एक सीमित रूप से वही का वही खड़ा है इसलिए देश में एक बड़ा रोजगार की समस्या खड़ा हो जाता है। आपको हमेशा सुनने को मिलता है कि पढ़े-लिखे लोग आजकल बेकार बेरोजगार घूम रहे हैं इसका मुख्य कारण है उनको रोजगार ना मिलना और रोजगार सीमित मात्रा में उपलब्ध होने के कारण सभी को रोजगार नहीं मिल पाता है जिससे कि यह समस्या उत्पन्न हो जाती है।

आवास की समस्या( घर की समस्या)

जनसंख्या बढ़ने के कारण अधिकांश लोग गंदे तथा बिना रोशनी वाले झोपड़े में रहते हैं बहुत सारे लोग तो रोड के किनारे अपना तंबू गाड़ कर या रोड पर यूं ही सो जाते हैं हालांकि भारत सरकार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों में आवास आवंटित किए हैं फिर भी बहुत सारे लोग आज भी बिना घर के बाहर सड़क पर सो कर अपना गुजर-बसर कर रहे हैं यह भी समस्या जनसंख्या वृद्धि (population growth) के कारण उत्पन्न हो रहा है अतः जैसे जैसे देश की जनसंख्या बढ़ती रहेगी वैसे-वैसे देश में आवास की समस्या बढ़ेगी और लोग बिना घर के कहीं पर सोने पर मजबूर हो जाएंगे।

चिकित्सा व्यवस्था की समस्या

देश की जनसंख्या वृद्धि (population growth) के कारण अस्पतालों में अधिक भीड़ भाड़ हो जाता है जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है और तो और हॉस्पिटल में रोगियों की देखभाल भी ठीक से ही नहीं हो पाती है यह भी जनसंख्या वृद्धि की बड़ी हानियों में से एक है।
इसी के कारण देश में लगातार रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है क्योंकि उनका इलाज सही समय पर सही तरीके से नहीं हो पा रहा है क्योंकि जनसंख्या बढ़ने के कारण उन्हें अच्छी चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती है जिस तरह का मिलना चाहिए।

प्रदूषण की समस्या

देश की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ने के कारण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होने लगती है किसी भी देश में अगर जनसंख्या पड़ेगी तो प्रदूषण की समस्या उतनी ही तेजी से बढ़ेगी आप पराया देखते होंगे कि जहां पर आबादी अधिक रहती है वहां पर प्रदूषण अधिक होता है जिसके कारण पानी हवा में प्रदूषण बढ़ जा रहा है जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण लगातार बढ़ेगा तो इससे अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ेगा और लोग बीमार पड़ेंगे और या बीमारी लगातार देश के विकास और आर्थिक को कमजोर करें मतलब हम यह कह सकते हैं कि प्रदूषण एक मुख्य रूप से जनसंख्या वृद्धि हानि मैं है।

संक्रामक रोग का बढ़ना

देश की जनसंख्या बढ़ने से संक्रमित रोगों की संख्या भी लगातार तेजी से बढ़ने का डर होता है हमने करो ना काल में ऐसा उदाहरण देखा है जिस देश की जनसंख्या या जिस जगह पर ज्यादा लोग रहते हैं और वहां कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तो उन्हें भी यह रोग हो जाने का खतरा ज्यादा रहता है इसलिए हम कह सकते हैं कि जनसंख्या अधिक रहने के कारण संक्रमण रोग जो एक दूसरे से फैलता है यह रोग फैलने का ज्यादा खतरा होता है यह भी जनसंख्या वृद्धि के मुख्य हानियों में से एक है।

खेती बारी के जमीन का बंटवारा

जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और जनसंख्या बढ़ने के कारण परिवार की कृषि का बंटवारा होता है जिसे खेती का जमीन भी कहते हैं यह जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में बट जाता है जिसके कारण यह खेती करने की योग्य भी नहीं हो पाता है। जिसके कारण हमारे छोटे छोटे किसान की आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है और वह आत्महत्या के लिए मजबूर हो जाते हैं।

तो यह सब जनसंख्या वृद्धि के हानियां या फिर जनसंख्या विस्फोट से होने वाले दुष्परिणाम थे जो हमने आपके समक्ष रखने का प्रयास किया है। अब आइए जानते हैं की जनसंख्या वृद्धि को कैसे हम नियंत्रित कर सकते हैं –

जनसंख्या वृद्धि को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं

जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए कुछ उपाय भी हैं जो इस प्रकार हैं आपको निश्चित रूप से हम बताने का प्रयास करेंगे तो चलिए जानते हैं की जनसंख्या वृद्धि को है कैसे नियंत्रण कर सकते हैं –

कानून व्यवस्था

भारतवर्ष में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए संविधान में कोई कठोर कानून व्यवस्था होनी चाहिए सरकार ने विवाह योग्य लड़की की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष निर्धारित की है लेकिन आप जानते ही हैं कि यह कानून का कितना पालन होता है ऐसे कई कानून है जिनका पालन नहीं हो पाता है इसलिए भारत सरकार को इस समस्या को नियंत्रण करने के लिए कड़ा से कड़ा कानून लाना या पास करना चाहिए।

अच्छी शिक्षा व्यवस्था का प्रबंध करना

जनसंख्या को अगर नियंत्रित करना है तो सरकार को उचित शिक्षा व्यवस्था लाने की आवश्यकता है क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही परिवार को सीमित रखने की प्रेरणा दी जा सकती हैं। यानी उन्हें शिक्षा के माध्यम से परिवार नियोजन एवं जनसंख्या विस्फोट से होने वाले हानियों के बारे में बताया जा सकता है इसलिए यह एक आवश्यक व्यवस्था है जिसे सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है।

छोटा परिवार या सीमित परिवार

भारत वर्ष में लगभग 11 करोड परिवार ऐसे हैं जिनकी विवाह की आयु सीमा निर्धारित की गई सीमा से कम है उन्हें शिक्षित करके परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहन करने की आवश्यकता है मतलब लड़के की आयु 21 साल और लड़की की आयु 18 साल से कम है।

परिवार कल्याण संबंधी कार्यक्रमों में रुचि

परिवार को सीमित रखने के लिए सरकार द्वारा ऐसे कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए जिससे लोगों को प्रोत्साहन मिल सके और वह परिवार कल्याण योजनाओं में रुचि लें । दो बच्चे वाले परिवार में बच्चों को निशुल्क शिक्षा सरकारी अस्पतालों मैं मुफ्त इलाज आवासीय योजनाओं में आरक्षण नौकरियों में प्राथमिकता स्वयं का व्यवसाय चलाने हेतु बैंकों से ऋण उपलब्ध कराना एवं कम परिवार और रहने पर उन्हें पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध कराने के लिए सरकार को ऐसे परिवार कल्याण योजनाओं का लाभ अति आवश्यक है। जिससे देश की जनसंख्या पर नियंत्रण किया जा सकता है।

आर्थिक स्थिति में सुधार करना

उचित रोजगार को उपलब्ध करा के सरकार व्यक्ति के आर्थिक स्तर को सुधार शक्ति मतलब हम यह कह सकते हैं कि उचित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर व्यक्ति के आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है जैसे ही उसकी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी तो वह अपने परिवार को अच्छे तरीके से रख लेगा और अपने बच्चों को अच्छे तरीके से शिक्षा भी प्रदान करा सकता है।

परिवार नियोजन

परिवार नियोजन पर एक लंबा टॉपिक हो सकता है परंतु हम इसे शॉर्ट में समझेंगे कि परिवार में बच्चों की संख्या को कम रखना या परिवार छोटा हो इसका ध्यान रखना परिवार नियोजन कहलाता है मतलब हम दो हमारे दो यह परिवार नियोजन का मंत्र हो सकता है।

तो दोस्तों आज हम आपके सामने जनसंख्या वृद्धि या जनसंख्या विस्फोट के बारे में संपूर्ण जानकारी रखने का एक छोटा सा प्रयास किया है अगर यह प्रयास आपको अच्छा लगा हो तो अपने मित्रों अपने परिवारों के साथ साझा करें इसे सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक ट्विटर के माध्यम से शेयर करें ताकि हम आपके लिए ऐसे ही अच्छे और शानदार पोस्ट को लिखते रहें बहुत-बहुत धन्यवाद

सुधीर इस हिंदी ब्लॉग के Founder हैं. वो एक Professional Blogger हैं जो इतिहास Technology, Internet ,समाचार से जुड़ी विषय में रुचि रखते है. सुधीर वेबसाइट होस्टिंग भी प्रदान करते है. वो पेसे से पत्रकार भी है, उन्हें किसी भी विषय पर रिसर्च करना अच्छा लगता है.

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